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क्लाउड कंप्यूटिंग क्या है? | Cloud Computing Kise Kahte Hain
नमस्कार दोस्तों, आज के इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि क्लाउड कंप्यूटिंग क्या है (Cloud Computing Kise Kahte Hain), टेक्नोलॉजी के अंतर्गत इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले लोगों को विभिन्न प्रकार की सेवाएं प्रदान की जाती हैं, जैसे विभिन्न प्रकार के सॉफ्टवेयर, सर्वर स्टोरेज स्पेस या कोई अन्य सेवा। . क्लाउड कंप्यूटिंग इंटरनेट के माध्यम से उपयोगकर्ताओं की मांग पर किसी भी प्रकार की कंप्यूटिंग सेवा की डिलीवरी है।
अगर आसान और सरल शब्दों में कहा जाए तो क्लाउड कंप्यूटिंग (Cloud Computing) का सीधा सा अर्थ यह है कि इस तकनीक के माध्यम से किसी भी इंटरनेट यूजर को इंटरनेट के सर्वर पर डेटा स्टोर करने की सुविधा प्रदान की जाती है।
इस सर्विस के जरिए कोई भी यूजर क्लाउड पर स्पेस खरीदकर कभी भी और कहीं भी अपने डेटा को स्टोर और एक्सेस कर सकता है।
आज के समय में लगभग सभी लोग इलेक्ट्रॉनिक चीजों का इस्तेमाल करते हैं जैसे मोबाइल फोन, लैपटॉप, कंप्यूटर आदि।
अगर आप भी इसके अंतर्गत मिलने वाले सॉफ्टवेयर, स्टोरेज आदि सर्विस का इस्तेमाल करते हैं तो आप इन सभी बातों से अच्छी तरह वाकिफ हैं।
क्लाउड कंप्यूटिंग का इतिहास | Cloud Computing Ki History
क्लाउड कंप्यूटिंग का इतिहास विस्तृत है और उसमें कई उद्योग विपणियों और तकनीकी उन्नयनों का जीता-जागता उदाहरण है। इसे अंग्रेजी में आवर्ती रूप से “cloud computing” के नाम से जाना जाता है। नीचे कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं की सूची दी गई है, जो क्लाउड कंप्यूटिंग (cloud computing) के इतिहास में अहम हैं:
- 1960 के दशक: शुरुआत में, विभिन्न कंप्यूटर तकनीकों के विकास से संबंधित विभिन्न उद्योगों में प्रयोग करने वाले विभिन्न प्रणालियों का विकास हुआ। वह समय था जब मेनफ्रेम कंप्यूटर और कंप्यूटर नेटवर्क उन्नयन की शुरुआत हुई।
- 1990 के दशक: इंटरनेट के विस्तार के साथ, अधिक समाधानों की आवश्यकता थी जो अधिक मंद विनिर्देशों को साझा करने में सक्षम हो। इससे पैदा हुई “वर्चुअल मशीन” की तकनीक, जो अधिक मंद उपयोगकर्ताओं को साझा संसाधनों का उपयोग करने में सक्षम बनाती है।
- 2006 के दशक: एमआईटी एवं अन्य समूह क्लाउड कंप्यूटिंग के उन्नयन में महत्वपूर्ण धाराओं में से एक थी जो स्थानीय संसाधनों की तुलना में सकारात्मक लाभ प्रदान करती थी।
- 2008 के दशक: इस दशक में, इकोनोमिक रिसेशन के दौरान, उद्योग को कम खर्च में अधिक सेवाओं उपलब्ध करने के लिए आवश्यक था। क्लाउड कंप्यूटिंग इस समस्या का समाधान देने के लिए एक बेहतरीन उपाय साबित हुआ। इस दौरान, एमआईटी एवं अन्य कंपनियां अपनी सेवाओं को क्लाउड में ले जाने का विकल्प पेश करती हुईं।
- 2010 के दशक: इस दशक में, क्लाउड कंप्यूटिंग बढ़ती तकनीकी उन्नयन के साथ आगे बढ़ता रहा। इस दशक में, सार्वजनिक और निजी क्लाउड सेवाओं का अधिक उपयोग किया जाने लगा। आज क्लाउड कंप्यूटिंग समूह के विभिन्न उपयोग के साथ बढ़ती तकनीकी विशेषताओं के साथ सार्वजनिक और निजी क्लाउड सेवाओं का उपयोग आम हो गया है।
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क्लाउड कंप्यूटिंग कैसे काम करता है? | Cloud Computing Kaise Kam Karta Hai
क्लाउड कंप्यूटिंग एक ऐसी तकनीक है जो इंटरनेट के माध्यम से कंप्यूटिंग संसाधनों की सेवाएं प्रदान करती है। इसमें आपके संगठन के सर्वर या अपने कंप्यूटर में स्थानांतरित सॉफ्टवेयर या डेटा की जगह, आप इंटरनेट के माध्यम से उन संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं।
यह तकनीक तीन मुख्य सेवाओं का प्रबंधन करती है:
- इन्फ्रास्ट्रक्चर एस एस एस (Infrastructure as a Service or IaaS) – इसमें आपको संगठन के सर्वर, नेटवर्क, संगठन के डेटा संग्रहण यंत्र, वर्चुअल मशीन और संगठन के वेब एप्लिकेशन जैसे कंप्यूटिंग संसाधन प्रदान किए जाते हैं।
- प्लेटफ़ॉर्म एस एस एस (Platform as a Service or PaaS) – इसमें आपको एक विशिष्ट एप्लिकेशन के लिए एक पूर्ण संगठन के डेटा संग्रहण यंत्र, वेब सर्वर, डेटाबेस और अन्य संसाधन प्रदान किए जाते हैं। इसमें आपको उपयोग करने के लिए कुछ समय सीमित हो सकता है या आपके पास पूर्ण नियंत्रण हो सकता है।
- सॉफ्टवेयर एस एस एस (Software as a Service or SaaS) – इसमें आपकी कोई ऐप्लिकेशन नहीं डाउनलोड करने की आवश्यकता होती है। आप सीधे इंटरनेट के माध्यम से एक सेवा का उपयोग कर सकते हैं, जैसे कि वेब ईमेल, ऑफिस सूट या वेब कन्फ़्रेंसिंग सॉफ्टवेयर।
इसके अलावा, क्लाउड कंप्यूटिंग में आपकी डेटा को सुरक्षित रखने के लिए विभिन्न सुरक्षा स्तरों का उपयोग किया जाता है, जो आपकी जानकारी को असाधारण रूप से सुरक्षित रखते हैं। क्लाउड कंप्यूटिंग का उपयोग करने से आपको न केवल संसाधन बचाने में मदद मिलती है, बल्कि इससे आपको विभिन्न स्थानों से अपने संगठन के संसाधनों तक पहुंच मिलती है जो एक स्थान पर होने की आवश्यकता नहीं होती है।
Cloud Computing के प्रकार | Cloud Computing Ke Prakar
- सार्वजनिक क्लाउड: सार्वजनिक क्लाउड, जिसे आमतौर पर इंटरनेट क्लाउड भी कहा जाता है, इंटरनेट के माध्यम से उपलब्ध होता है। इस प्रकार की सेवाएं आमतौर पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होती हैं और उपयोगकर्ताओं को अपनी आवश्यकताओं के आधार पर अपनी जरूरत के अनुसार उपलब्ध होने वाले संसाधनों का उपयोग करने की अनुमति देते हैं।
- निजी क्लाउड: निजी क्लाउड एक निजी नेटवर्क में होता है जो कि एक ही संगठन द्वारा नियंत्रित किया जाता है। इस प्रकार के क्लाउड कंप्यूटिंग में, संगठन अपनी जरूरतों के अनुसार अपने संसाधनों को साझा करता है जो उसे सुविधाजनक और सुरक्षित बनाने में मदद करता है।
- समय-साझा क्लाउड: समय-साझा क्लाउड, जिसे आमतौर पर “फ़ंक्शन एस एस” के रूप में जाना जाता है, एक सेवा होती है जो कि किसी उपयोगकर्ता को किसी विशिष्ट फ़ंक्शन का उपयोग करने की अनुमति देती है जो कि क्लाउड में उपलब्ध होता है। इस प्रकार के क्लाउड कंप्यूटिंग में, उपयोगकर्ताओं को संबंधित फ़ंक्शन के लिए अपनी संसाधनों को साझा नहीं करने की आवश्यकता होती है।
- हाइब्रिड क्लाउड: हाइब्रिड क्लाउड एक मिश्रित क्लाउड होता है जो कि सार्वजनिक और निजी क्लाउडों के संयोजन से बनता है। इस प्रकार के क्लाउड कंप्यूटिंग में, संगठन सार्वजनिक क्लाउड के साथ साझा करता है जिससे उसे अपनी जरूरतों के अनुसार संसाधनों का उपयोग करने की अनुमति मिलती है, और निजी क्लाउड में संसाधनों को नियंत्रित करता है जिससे उसे सुरक्षित और नियंत्रित रखा जाता है।
इन सभी प्रकार के क्लाउड कंप्यूटिंग (cloud computing) का उपयोग उपयोगकर्ताओं के विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया जाता है।
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