औपचारिक-पत्र (Formal Letter) आमतोर पर वह पर होते है जो हम सरकारी कार्यालयों के अलावा अर्धसरकारी तथा गैर सरकारी कार्यालयों या संस्थाओ के लिए लिखते हैं। तथा जो पत्र उन लोगो, अधिकारियों, कर्मचारियों को लिखे जाते है, जिनसे हमारा कोई निजी संबंध या रिश्ता नहीं होता हैं उन्हें औपचारिक पत्र कहते हैं।
औपचारिक-पत्र ज़्यदातर अपनी जरूरतों और शिकायतों या फिर पूछताछ के सन्दर्भ में लिखा जाता हैं। और ये अक्सर अपने से बड़े अधिकारी को लिखा जाता हैं।
औपचारिक-पत्र लेखन में ध्यान देने योग बातें –
- औपचारिक-पत्र लिखते समय एक बात का ध्यान जरूर रखना चाहिए की आप जिस भाषा में पत्र लिख रहे है, वह भाषा पाने वाले की अनुरूप होनी चाहिए।
- ध्यान रखें की आप पत्र एक अधिकारी को लिख रहे है इसलिए इधर-उधर की बातें न लिखें।
- पत्र को लिखते समय आपका प्रयास सरल और छोटे वाक्य में अपनी बातों को लिखना का होना चाहिए।
- पत्र के सभी भगो को एक सामान लिखने का प्रयास करें।
औपचारिक-पत्र कैसे लिखते हैं?
किसी भी पत्र को लिखने के तीन महत्वपूर्ण भाग होते है। जिसमे हम पत्र का फॉर्मेट भी कहते हैं। तो आइये जानते है औपचारिक-पत्र लिखने का फॉर्मेट कैसा होता हैं? (Formal Letter Format)
औपचारिक-पत्र लिखने लिखने का फॉर्मेट :-
सेवा में,
प्रधानाचार्य/प्रबंधक/महाप्रबंधक अधिकारी का नाम
संस्था/स्कूल/कॉलेज का नाम एवं पता
विषय :- यहाँ पर विषय के बारे में जानकारी दीजिये
महोदय/मान्यवर :- संबोधन
संक्षिप्त विषयवस्तु :- यहाँ पर आपको अपने विषय का उल्लेख वर्णन करना है।आप किस संदर्भ में पत्र लिखना चाहते है उसके बारे यहाँ पर बताइये और अगर आपको कुछ शियाकत करनी है तो उसके बारे में अष्पष्ट रूप से लिखिए।
धन्यवाद,
आपका आज्ञाकारी/भवदीया
नाम/हस्ताक्षर
आपका पता
दिनाँक
आइये उदाहरण के साथ औपचारिक पत्र लिखना सीखिए (Formal Letter in Hindi with Example)
औपचारिक-पत्र उदाहरण संख्या -1
अपने स्कूल में कंप्यूटर शिक्षण की व्यवस्था करने के लिए प्रधानाचार्य को पत्र लिखिए :-
सेवा में,
श्रीमान प्रधानाचार्य,
राजकीय सर्वोदय बाल विद्यालय,
भोला नाथ नगर शाहदरा, दिल्ली-32
विषय :- कंप्यूटर शिक्षण व्यवस्था के सन्दर्भ में पत्र
महोदय,
मैं आपके विद्यालय की 10वी कक्षा का छात्र हूँ। इस विद्यालय में पढाई-लिखाई, खेलखूद, लाइब्रेरी आदि की अच्छी व्यवस्था हैं, लेकिन यहाँ पर एक चीज़ की कमी है जिसके बिना हमारा पढाई-लिखाई अधूरा हैं, वह हैं कंप्यूटर-शिक्षण। मान्यवर हमारे स्कूल में कंप्यूटर-शिक्षण की व्यवस्था नहीं हैं। आप तो जानते है आज कल कंप्यूटर का ज्ञान कितना जरुरी हो गया हैं। हर जगह आज इसका इस्तेमाल होता है। यहाँ तक अब सभी दफ्तरों के कार्य कंप्यूटर द्वारा ऑनलाइन होने लगें हैं। कंप्यूटर दिन बढ़ता उपयोग, इसके ज्ञान के महत्व को ओर बढ़ा रहा हैं।
अतः आपसे अनुरोध है की इस विद्यालयआप ज़ल्द-ज़ल्द से कंप्यूटर-शिक्षण की व्यवस्था करने की कृपा करें।
आपका आज्ञाकारी शिष्य
विवेक
औपचारिक-पत्र उदाहरण संख्या -2
आपके मुहल्ले सफाई कर्मचरी नियमित रूप से नहीं आते हैं। जिससे जगह-जगह कूड़े के ढ़ेर लगे हुए हैं। सफाई अव्यवस्था की ओर ध्यान दिलाते हुए सफ़ाई अधिकारी को पत्र लिखिए।
A-120/4 मानसरोवर पार्क,
शाहदरा, दिल्ली-32
स्वास्थ्य अधिकारी
सिविल लाइन क्षेत्र (दि.न.नि)
विषय :- क्षेत्र की सफाई अव्यवस्था के संबंध में सफाई अधिकारी को पत्र मान्यवर,
महोदय,
मैं आपका ध्यान अपनी मुहल्ले की सफाई की बदहाल स्थति की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ। यहाँ पर जग़ह-जग़ह कूड़े के ढेर लगे हुए है। नालियों में कूड़ा भरा हुआ है जिससे नालियों का पानी सड़क पर निकल गया हैं। जिससे घर से बहार निकलना कठिन हो गया हैं। यहाँ सफाई कर्मचारी सप्ताह में एक बार ही आते हैं। और अपना काम आधा-अधूरा छोड़ जाते हैं। नियमित सफाई न होने के कारण यहाँ मच्छर उत्पन होने लगे हैं। आप तो जानते ही है की आज कल डेंगू, मलेरिया, हैज़ा जैसी बीमारी कितनी फ़ैल रहीं हैं। हमारे क्षेत्र में भी बीमारी फैलने की संभावना बढ़ गई हैं।
अतः आपसे विन्रम प्राथना है कि इस क्षेत्र कर्मचारियों को नियमित रूप से भेजकर सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित कराने की कृप्या करें।
धन्यवाद सहित।
भवदीय
अनमोल सागर
औपचारिक-पत्र उदाहरण संख्या -2
दिनों दिन महँगाई बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में आम आदमी का जीना मुश्किल होता जा रहा है। बढ़ती महँगाई की ओर सरकार का ध्यान आर्कषित कराने के लिए किसी दैनिक समाचार पत्र के संपादक को पत्र लिखिए।
सेवा मे,
संपादक महोदय,
दैनिक जागरण,
बीफ ब्लॉक, सेक्टर -34 नॉएडा, उत्तर प्रदेश
विषय :- बढ़ती महँगाई की ओर सरकार ध्यान आर्कषित कराने के सन्दर्भ में पत्र
मान्यवर,
मैं विवेक कुमार सिंह (आम-नागरिक) आपके लोकप्रिय दैनिक समाचार पत्र के माध्यम से सरकार का ध्यान दिनोंदिन बढ़ती महँगाई प्रति आर्कषित करना चाहता हूँ। देश में नागरिकों को सबसे ज़्यदा परेशानी में डालनी वाली समस्या का नाम महँगाई हैं। आज छोटी से बड़ी वस्तु की कीमत आसमान छू रही हैं। सब्जी,राशन आम आदमी की जेब से बाहर हो रही है। घी, पनीर जैसे चीजें आम जनता ख़रीद नहीं सकती क्योंकि इनका भुगतान आम जनता के ज़ेब से बाहर हो गया हैं। पेट्रोल,डीज़ल का दाम बढ़ाने की घोषणा सरकार बाद में करती है, कीमते पहले ही बढ़ जाती हैं। टैक्सी,ऑटो वाले तुरंत किराया बढ़ा देते हैं। जिस प्रकार से जरुरत की चीजों की कीमते बढ़ रही है उसी प्रकार सरकार को कर्मचरियों, देहरी मज़दूरों, और प्राइवेट नौकरी करने वालों की आय में भी बढ़ोतरी करनी चाहिए। सरकारी नौकरी वाले हर महीने छमाही महँगाई भत्ता पा जाते है पर आम आदमी के हिस्से में क्या आता हैं- महँगाई की मार।
आपसे अनुरोध है कि आम जनता से जुड़े इस मुद्दे को अपने समाचार पत्र में छापने की कृपा करें। ताकि सरकार का ध्यान महँगाई रोकने की ओर केंद्रित हों।
धन्यवाद
भवदीय
प्रियांशु पुरोहित
07 अप्रैल 2021
औपचारिक-पत्र उदाहरण संख्या -3
नवभारत समाचार पत्र में भारतीय स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया में लिपिक पद के लिए आवेदन पत्र मांगे गए हैं। अपनी शैक्षिक योग्यताओ का उल्लेख करते हुए बैंकिंग सेवा भर्ती बोर्ड के सचिव को पत्र लिखिए।
सेवा में,
सचिव महोदय,
बैंकिंग सेवा भर्ती बोर्ड,
दिल्ली -54
विषय :- लिपिक पद हेतु आवेदन पत्र
मान्यवर,
दिनांक 06 अप्रैल, 2021 के दैनिक नवभारत समाचार पत्र में प्रकाशित विज्ञापन के उत्त्तर में लिपिक पद के लिए अपना आवेदन पत्र प्रस्तुत कर रहा हूँ। मेरा समूर्ण वर्णन इस प्रकार हैं।
नाम :- राकेश कुमार
पिता का नाम :- संजीव कुमार
जन्म तिथि :- 10 अक्टूबर, 1999
शैक्षिक योगिता :-
X | सीबीएसई | 2017 | प्रथम स्थल |
XII | सीबीएसई | 2019 | प्रथम स्थल |
बी.ए | दिल्ली विश्वविधालय | 2023 | तीसरा स्थल |
अन्य :- कंप्यूटर टाइपिंग का ज्ञान
अनुभव :- ग्रामीण बैंक में क्लर्क पद पर तीन माह रहा था
आशा हैं कि योगिता पर विचार करते हुए मुझे सेवा का अवसर प्रदान करें।
धन्यवाद सहित
प्रार्थी
राकेश कुमार
पता :- ——-
दिनांक :- 12/05/2021
औपचारिक-पत्र उदाहरण संख्या -4
आपके महोल्ले में कुछ लोगो ने अनधिकृत फैक्टरियां लगा रखे हैं। जिससे पर्दूषण एवं शोर होने के कारन वहाँ रहना मुश्किल हो गया हैं। इस समस्या का उल्लेख करते हुए समाचार पत्र के संपादक को पत्र लिखिए।
सेवा में,
संपादक मोहदय,
कल-तक टाइम्स,
बहादुरशाह जफ़र मार्ग दिल्ली,
विषय :- मोहल्ले में लगी फ़ैक्टरिया और कारखानों से उप्तन्न शोर के सम्बन्ध में पत्र
महोदय,
मई आपके भारत प्रसिद्ध पत्र के माध्यम से अपनी कॉलोनी/मोहल्ले में अनधिकृत रूप से चल रहे कारखानों से उत्प्न्न शोर की ओर आपका ध्यान केंद्रित करना चाहता हूँ। इस कॉलोनी में कुछ छोटे तथा बड़े भूखंड हैं। जिन पर माकन बने हैं। यह कॉलोनी पूरी तरह आवासीय है, परन्तु कुछ लोगो ने अपना मुनाफा कमाने के लिए इन मकानों में कारख़ाने शुरू किया हैं। इस कारखानों से गन्दी दुर्गन्ध और कचरा निकल रहा हैं। जिससे घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया हैं। आप तो जानते ही है आज कल धुंए से कितनी सारी बीमारियाँ फ़ैल रही हैं। ये कारख़ाने दिन रात में ज़्यदा प्रदूषण तथा शोर फैलाती हैं, क्योकि अनधिकृत रूप से चलाई जाने के कारण ये दिन में प्राय: बंद रहती हैं।
आपसे प्रार्थना है कि इस विषय को आप अपने समाचार पत्र में जरूर प्रकाशित करे ताकि सरकार का ध्यान इन अनधिकृत फैक्टरियों के ऊपर केंद्रित हों।
धन्यवाद
भवदीय
राम कपूर
पता :- 474,ए सर्कुलर रोड
12 अप्रैल 2021
औपचारिक-पत्र उदाहरण संख्या -5
बस कंडक्टर के दुर्व्यवहार की शियाकत करते हुए शाहदरा डिपो के प्रबंधक को पत्र लिखिए
सेवा में,
प्रबंधक महोदय,
शाहदरा बस डिपो
दिल्ली -32
विषय :- कंडक्टर के दुर्व्यवहार के संबंध में पत्र
मान्यवर,
मैं आपका ध्यान आपके बस डिपो से सुबह 7:00 बजे चलने वाली बस के कंडक्टर के दुर्व्यवहार की ओर ले जाना चाहता हूँ। यह बस कश्मीरी गेट, लाला किला होते हुए कमला मार्किट जाती हैं। बस का नंबर XXXXXX हैं। मैं शाहदरा से लाल किला प्रतिदिन जाता हूँ। मैं उस दिन भी 7:00 बजे चलने वाली बस में बैठा हुआ था। कंडक्टर ने मुझे टिकट दिया और 100 रुपय में से बचें पैसे टिकट के पीछे लिख दिया। शाहदरा से चलने के बाद बस सीधा कमला मार्किट जा कर रुकी। बीच के स्टैंड पर सवारियाँ होने पर भी ड्राइवर ने न बस रोकी, न कंडक्टर ने रुकने का संकेत दिया। जब मैंने उससे इसके बारे में पूछा तो वह मुझसे लड़ाई करने लगा। उसने मेरे पैसे भी वापस नहीं किया और जिस टिकट पर उसने बाकि के पैसे लिखे थे उसे फाड़ कर फेंक दिया।
आपसे प्राथना करता हूँ कि ऐसे दुर्व्यवहार कंडक्टर के ख़िलाफ़ कार्यवाही करनी चाहिए। ताकि भविष्य में वह दूसरे यात्रियों के साथ ऐसा दुर्व्यवहार न करें।
सधन्यवाद।
भवदीय
रामशीष
माकन नंबर- 5 भोला नाथ नगर,
शाहदरा, दिल्ली।
तो हम आशा करते है कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित हुई होगी और इस पोस्ट के माध्यम से आपको औपचारिक-पत्र लिखना आ गया होगा तथा पता चल गया होगा की औपचारिक-पत्र को कैसे लिखा जाता है। तो इस पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर करिये ताकि जिन भी लोगो को औपचारिक-पत्र लिखना नहीं आता वह भी इसे सीख जाएं।
औपचारिक-पत्र : FAQ
प्रश्न-1 औपचारिक-पत्र किसके लिए लिखें जाते हैं ?
उत्तर :- औपचारिक-पत्र को आमतोर पर अधिकारियों, प्रधानचर्या, कार्यालयों या संस्थाओ के लिए लिखें जाते हैं।
प्रश्न-2 औपचारिक-पत्र की परिभषा क्या हैं ?
ऊपर :- जो पत्र उन लोगो, अधिकारियों, कर्मचारियों को लिखे जाते है, जिनसे हमारा कोई निजी संबंध या रिश्ता नहीं होता हैं उन्हें औपचारिक पत्र कहते हैं।
प्रश्न-3 पत्र कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर :- पत्र दो प्रकार के होते हैं।
प्रश्न-4 औपचारिक-पत्र के उदाहरण क्या हैं ?
उत्तर :-
- प्रधनाचार्य को पत्र
- स्कूल दाखिला के लिए पत्र
- सरकारी विभाग को पत्र
- संपादक के लिए पत्र, आदि।
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