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Report Writing In Hindi
What is Report/ रिपोर्ट किसी कहते है : किसी भी कार्य या घटना के बारे मे संक्षिप्त लिखित वर्णन को ही Report कहा जाता है। आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से रिपोर्ट कैसे लिखी जाती है और इसका फॉर्मेट क्या होता है, आदि जानकारी जानने वाले है।
एक Report का मतलब ही यही होता है की किसी कार्य या घटना का लिखित लेखा-जोखा हो जिसे किसी ने देखा हो, न ही सुना हो, न ही किया या जांचा हो। आपको बता दे की यह केवल किसी घटना के तथ्यों और निष्कर्षों की अच्छे तरीके से व्यवस्थित प्रस्तुति है जो की पहले ही कभी कहीं भविष्य में हो चुकी होगी। रिपोर्ट का उपयोग वैसे तो लिखित मूल्यांकन के रूप में भी किया जाता है, ताकि आपको यह पता हो कि आपने शोध या अनुभव से आखिर क्या सीखा है।
Types of Report Writing
बेसकली रिपोर्ट राइटिंग के दो प्रकार मे विभाजित किया गया है।
1-Newspaper टाइप की रिपोर्ट राइटिंग, और
2- मैगज़ीन टाइप की रिपोर्ट राइटिंग।
क्लास 12 CBSE Exams में दोनों ही टाइप के Report राइटिंग पूछे जाते रहे है।
फॉर्मेट यानि रिपोर्ट राइटिंग का पैटर्न, आखिर अगर हम रिपोर्ट लिख रहे है तो कैसे लिखे, किस तरीके से लिखे इसी को फॉर्मेट कहते है। जिसके थ्रू आप यह जान भी सकते है की रिपोर्ट राइटिंग में हमे किस तरह के टॉपिक और टॉपिक को कवर कैसे करना होता है। रिपोर्ट राइटिंग का फॉर्मेट हमने निचे दिया हुआ है इसे भी आप अच्छे से समझ ले।
वैसे तो रिपोर्ट राइटिंग बहुत ही आसान है लिखना। इसमें ज्यादा दिमाग लगाने की जरूरत नहीं पड़ती। इसमें केवल आपको शीर्षक, नाम और मुख्य मुद्दा लिखना होता है बस।
चलिए अब रिपोर्ट के कुछ महत्वपूर्ण विभागों के बारे मे समझ लेते है ताकि भविष्य में आपको इसके बारे मे समझ और काम भी आ सके। या यु कहो की कभी खुद का मन हो रिपोर्ट लिखना का तो आप खुद भी लिख सको। वैसे देखा जाए तो परीक्षा में तो बहुत ही ज्यादा सिंपल सा रिपोर्ट लिखना होता है जो की मैंने आपको ऊपर लगी हुई फोटो म दिखा ही दिया है। बाकि इसके बारे मे कुछ ज्यादा जानकारियां के लिए मैंने इसे नीचे अच्छे से विस्तार पूवर्क लिख दिया ताकि आपको पढ़ने मे आसानी हो।
आइये आपको Report फॉर्मेट के अंदर लिखे जाने वाले टाइटल्स को जानिए।
शीर्षक विभाग : जैसा को आप लोग जानते ही है Report राइटिंग के सबसे ऊपर लिखा जाने वाला टाइटल सेक्शन मे जो होता है उसे शीर्षक विभाग कहते है उसके बाद दूसरा टाइटल सेक्शन डेट एंड तीसरी टाइटल सेक्शन मे लेखक का नाम होता है।
निष्कर्ष : इसके बाद निष्कर्ष विभाग में आपको आपने रिपोर्ट के बारे मे बहुत शॉर्ट में लिख कर वर्णन करना होता है जिसे पढ़ते ही सामने वाले को पूरा रिपोर्ट संक्षिप्त में समझ आ जाना चाहिए। बहुत लोग ऐसे भी है जो सिर्फ निष्कर्ष को पढ़ कर ही समझ जाते है और पूरा रिपोर्ट पढ़ना ही छोड़ देते है। ऐसे में अब आपको इस निष्कर्ष एरिया में विस्तार पूर्वक रिपोर्ट के बारे मे यानी सारांश को लिख दे। जानकारी के लिए यह विभाग अगर आप रिपोर्ट के अंत में लिखे तो सबसे अच्छा रहेगा।
परिचय : इसके बड़ा अगर हम परिचय के बारे मे बात करे तो यहां पर आपको रिपोर्ट का बारे मे बताना या बेसकली अपने टॉपिक के बारे मे परिचय देना है जैसे की रिपोर्ट किस बारे मे है और आप इसे क्यों लिख रहे है। याद रहे की परिचय हमेशा ही शीर्षक से मिलता जुलता हुआ होना जरुरी है।
मुख्य विभाग (Body Content) : इसके बाद आता है मुख्य विभाग। रिपोर्ट मे मुख्य विभाग सेक्शन में आप आपने पूरे रिपोर्ट के बारे मे लिख सकते है। यहां आप अपने रिपोर्ट के Subtitle के साथ टॉपिक को भी लिख सकते है। [Star Tech BD]
सिफारिशों (Recommendations) :इसके बाद मे आपका मैन सेक्शन होता है जिसे सिफारिशों के नाम से जाना जाता है। अभी तक आपने रिपोर्ट है किस के बारे मे ये लिखा है लकिन आप आपको अपने हिसाब से टॉपिक के बारे मे सिफारिश या यु कहो सोलुशन वगेरा भी लिख सकते है।
परिशिष्ट : इसके बाद निष्कर्ष के सबंधित परिशिष्ट(Appendix) भी लिख सकते है। रिपोर्ट की विशेष जानकारियों का समावेश भी कर सकते है।
Examples of Report Writing
CBSC या और किसी भी एग्जाम में आप रिपोर्ट मे मस्त पूर्ण मार्क्स प्राप्त कर सकते है वैसा Report लिखते कैसे यह तो आपको समझा दिया लेकिन अब इसे और भी अच्छे से समझने के लिए हमे उदाहरणों के माध्यम से समझना होगा। तो अब इसके लिए नीचे कुछ उदाहरणों दिए हुए है अब इन उदाहरणों के माध्यम से मे आपको रिपोर्ट राइटिंग समझाने वाली हु।
उदाहरण 1
टॉपिक : स्कूल में हुए किसी भी तरह की एक सांस्कृतिक कार्यकर्म पर रिपोर्ट लिखे।
Report on Republic Day
मुझे ये बताते हुए ख़ुशी हो रही है की हर साल की तरह इस साल भी हमारे स्कूल में गणतंत्र दिवस के त्यौहार को बड़ा मनाने के लिए हमारे स्कूल मे इस बार फिर से एक बहुत बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया था।और-तो-और यह हम सभी के लिए बड़े गर्व की बात थी की हम लोग भी 26 January यानि गणतंत्र दिवस मानते है, क्योंकि इसी दिन यानि 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान को लागु किया गया था और उसी के बाद ही भारत एक गणतंत्र देश बन पाया था। कार्येक्रम की शुरुवात सुबह आठ बजे प्रार्थना के साथ हुई और उसके बाद परेड शुरू हुए और फिर झंडा भी फहराया गया।
हमारे स्कूल के प्रधानाचार्य के साथ और भी स्कूल के एल्डर टीचर्स ने भारतीय ध्वज फहराया और उसके बाद ही देशभक्ति पर कुछ भाषण भी दिया, उसके बाद हमे युवा शक्ति के बारे में भी एक भाषण दिया गया था। सभी छात्र काफी अच्छे दिख रहे थे क्यूंकि सभी स्टूडेंट्स भारत के विभिन्न हिस्सों का प्रतिनिधित्व करने वाले उन्ही के पारंपरिक परिधानों में सजे हुए थे। कार्येक्रम का समापन में सभी विद्यार्थियों को मिठाई के एक बॉक्स वितरित कर कम खतम किया गया था।
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