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Letter Writing in Hindi : आज कल लोग व्हाट्सप्प, फेसबुक, इंस्टाग्राम के जरिये अपने दोस्त, रिस्तेदार, भाई, बहन, मम्मी, पापा से उनका हाल-चाल या ख़ैरियत पूछते हैं। लेकिन अगर हम उस समय की बात करें जब सोशल मीडिया नहीं होता था, तब लोग पत्र का सहार लेते थे एक दूसरे का हाल-चाल पूछने लिए, पत्र लिखने की परम्परा प्राचीन काल से चली आ रही हैं।
अपनी बातों को दूसरे के सामने व्यक्त करने के लिए पत्रों को सबसे अच्छा माध्यम माना जाता है। क्योकि पत्र में हम वो सभी भावनाएं,आदर,सत्कार को अच्छे से व सपष्ट रूप से लिख सकते है जो मुख से बोलना कठिन होता हैं। पत्रों की अपनी एक अहम भूमिका है जो सोशल मीडिया द्वारा पूरी नहीं की जा सकती हैं।
Letter Writing in Hindi:-पत्रों का महत्व छात्र/छात्राएं अच्छे से समझते हैं। क्योकि उन्हें स्कूल, कॉलेज और नौकरी लगने तक कई सारे पत्रों को लिखना होता है जिसमे आमतोर पर स्कूल की छुट्टी के लिए पत्र, छात्रवृति के लिए पत्र, तथा नौकरी से सम्बंधित तमाम जरूरतों के लिए पत्र लेखन शामिल होते हैं। अब तो स्कूल के पाठ्यक्रम में भी Letter Writing को एक महत्वपूर्ण विषय बना दिया गया हैं। “Letter Writing in Hindi”
इसलिए आज के पोस्ट में हम लेटर राइटिंग इन हिंदी पर चर्चा करेंगे और जानेगे की पत्र कैसे लिखते हैं?
Letter Writing in Hindi : (Step-by-Step)
Letter Writing in Hindi:-हिंदी में पत्र लेखन को सिखने से पहले आपको पत्रों के प्रकार के बारे में जरूर पता होना चाहिए। पत्र लेखन को दो श्रेणियों में विभाजित किया हैं। पहली श्रेणी Informal Letter यानि अनौपचारिक पत्र और दूसरी श्रेणी Formal Letter यानि औपचारिक पत्र की हैं। तो आइये अनौपचारिक पत्र और औपचारिक पत्र को विस्तार से समझते हैं।
पत्रों के प्रकार :-
- अनौपचारिक पत्र (Informal Letter)
- औपचारिक (Formal Letter)
अनौपचारिक पत्र (Informal Letter) के बारे में :-
इस श्रेणी में वो पत्र आते है जो हम अपने मित्रों, रिस्तेदारों, भाई, बहन, चाचा, चची आदि को लिखते है। अगर हम अनौपचारिक पत्र को सरल भाषा में समझे तो यह वो पत्र होते है जो हम अपने परिवार के सदस्य, मित्रों और निकट संबंधियों के लिए लिखते हैं।
अनौपचारिक पत्र के उदहारण :-
- निमंत्रण पत्र
- शुभकामना पत्र
- बधाई पत्र
- सांत्वना पत्र
- सलाह पत्र,आदि।
औपचारिक (Formal Letter) के बारे में :-
इस श्रेणी में वो पत्र आते है जो हम बैंक, प्रिंसिपल, बिजली विभाग, स्कूल, कॉलेज आदि को लिखते है। अगर हम औपचारिक पत्र को सरल भाषा में समझे तो यह वो पात्र होते है जो हम अपने निजी संबंधियों के लिए नहीं लिखते हैं। “Letter Writing in Hindi”
औपचारिक पत्र के उदहारण :-
- प्रधनाचार्य को पत्र
- स्कूल दाखिला के लिए पत्र
- सरकारी विभाग को पत्र
- संपादक के लिए पत्र, आदि।
औपचारिक पत्र और अनौपचारिक पत्र में अंतर :-
औपचारिक पत्र | अनौपचारिक पत्र |
एक औपचारिक पत्र एक पत्र है, जिसे औपचारिक भाषा में, आधिकारिक उद्देश्य के लिए निर्धारित प्रारूप में लिखा जाता है। | एक पत्र जिसे मैत्रीपूर्ण तरीके से लिखा गया है, जिसे आप परिचित हैं, उसे अनौपचारिक पत्र कहा जाता है। |
बैंक, प्रिंसिपल, बिजली विभाग, स्कूल, कॉलेज, आदि के लिए लिखा जाता हैं | मित्रों, रिस्तेदारों, भाई, बहन, चाचा, चची, आदि आदि के लिए लिखा जाता हैं |
औपचारिक पत्र लिखने का एक फॉर्मेट होता है | इसकेलिए कोई फॉर्मेट निर्धारित नहीं हैं |
पत्र-लेखन के लिए कुछ आवश्यक दिशा-निर्देश
आप चाहे कोई Formal Letter & Informal Letter लिख रहे हों, उसकी विषय कुछ भी हो यदि आप निम्नलिखित बातों का ध्यान रखेंगे तो आपको पत्र लिखने में काफ़ी सहायता मिलेंगी।
- यदि आप संबंधियों, मित्रों या परिचिंतो को पत्र लिख रहे हो तो आपका प्रयास यह रहना चाहिए कि आप अपने हाथ से पत्र लिखें। यदि आपकी लिखाई साफ़ नहीं है तो आप किसी और की सहायता ले सकते हैं।
- पत्र की भाषा सरल और रोचक होनी चाहिए।
- पत्र के विभिन्न अंगों में समानता बनाये रखने का प्रयास करना चाहिए। ऐसा कोई भाग एकदम छोटा तथा कोई भाग एकदम बहुत बड़ा हो जाएं।
- पत्रों में सरल तथा छोटे वाक्यों का प्रयोग करना चाहिए।
- पत्र के दाएं हाथ (Top right margin) पर अपना पता लिखें।
- पते के ठीक नीचे तारीख डालें। तारीख लिखते समय आप निम्न प्रकार में से किसी एक प्रकार को अपना सकते हैं।
6th April, 2021 | Thursday, 6th April, 2021 |
April 6, 2021 | 6/4/2021 |
Format of Letter Writing in Hindi
यदि आप एक पत्र लिखने जा रहे है तो क्या आपको पत्र लिखने का फॉर्मेट पता हैं? यदि आपको format for letter writing in Hindi के बारे में पता है तो अच्छी बात है लेकिन अगर आपको इसके बारे में ज़्यदा जानकरी नहीं तो हमारे बताये गए स्टेप को फॉलो करें।
पत्र लिखने की शुरुवात कैसे करें? (How to start a letter?)
पत्र की शुरुवात काफ़ी महत्वपूर्ण होती हैं। इसमें उस व्यक्ति को सम्बोधित किया जाता है, जिसे पत्र लिखा जाता हैं। संबोधन इस बात पर निर्भर करता है की आप किसी पत्र लिख़ रहे है। अलग-अलग वयक्तियों और विभागों के अलग-अलग संबोधन प्रयोग किया जाता हैं। “Letter Writing in Hindi”
इसलिए जो ज़्यदातर संबोधन पत्र लिखते समय इस्तेमाल किये जाते उनकी लिस्ट आपके लिए नीचे प्रस्तुत की गई हैं।
माता-पिता व रिश्ते में बड़े लोगों के लिए संबोधन |
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माता-पिता द्वारा बच्चों को संबोधन |
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भाई-बहन और मित्रों में संबोधन |
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अधिकारियों के लिए संबोधन |
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पत्र का मुख्य भाग कैसे लिखें? (How to write body of letter?)
पत्र का मुख्य भाग को हम तीन टुकड़ो में बाट सकते हैं। सबसे पहले सन्दर्भ लिखिए मतलब की आप पत्र क्यों लिख रहें हैं। इसके बाद सन्देश दीजिए या जिस बात का उत्तर माँगा गया है, लिखिए। अंत में अभिवादन देते हुए पत्र का मुख्य भाग को समाप्त कीजिए।
सन्दर्भ (Reference) :- I have just received your letter.
सन्देश (Message) :- Meet Mr. Vivek and give him the Phone.
अंत (End) :- Please give my best regards/love/wishes to —-
पत्र का समापन कैसे करें? (How to close a letter?)
पत्र का समापन भी इस बात पर निर्भर करता है की आप पत्र किसे लिख रहें हैं। पत्र किसे लिखा जा रहा उसके अनुसार अलग-अलग subscriptions होते है जैसे की :-
माता-पिता क्यू रिश्ते में बड़े संबंधियों को –
- Affectionately Yours
- Yours affectionately
- Yours affectionate son/daughter/nephew/niece
मित्रों को –
- Sincerely Yours
- Yours Sincerely
- Yours very sincerely
माता-पिता, चाचा-चची द्वारा बच्चों को –
- Affectionately Yours
- Yours affectionately
- Yours affectionate father/mother/uncle/auntie
अपने से बड़े अधिकारियों को –
- Yours Faithfully
भाई-बहन को –
- Your loving brother
- Your loving sister
- Your elder sister/brother
नोट :- पत्र का प्रारम्भ आप एक अच्छे संबोधन से करिये, फिर पत्र का मुख्य भाग में आपको सिर्फ़ बताना है की आप पत्र क्यों और किसके लिए लिख रहें हैं। और अंत में आप जिसके लिए पत्र लिख रहे है उसका अविवादन करना है। पत्र को ज़्यदा उबाऊ और लम्बा नहीं बनाना हैं। काम अक्षरों में अपनी बात को ख़त्म कीजिए। जिससे पत्र पढ़ने वालों को कोई कठिनाई न हों और वह अच्छे से पूरा पत्र को पढ़े सके।
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