Speech on Onam Festival in Hindi | ओणम पर भाषण
प्रिय सभी वरिष्ठ व्यक्तियों और प्रिय साथीगण,
Speech on Onam Festival in Hindi:- मुझे गर्व है आज यहाँ स्टैंड कर ओणम के इस खास मौके पर भाषण देने का, और मुझे आपका स्वागत करने का अवसर मिल रहा है। ओणम के यह पावन त्योहार हमारे दिलों को छू लेता है और हमें एक साथ आने और साथ खुशियों का आनंद उद्घाटित करने का मौका देता है। ओणम एक महत्वपूर्ण और प्रिय त्योहार है जो केरल के लोग हर वर्ष बड़ी उल्लास के साथ मनाते हैं।
ओणम, भारतीय राज्य केरल का महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक त्योहार है। इसे चिंगम उदयम, तिरुओनम और सेंगकाणी पुक्काल के नाम से भी जाना जाता है। ओणम का आयोजन चिंगम उदयम से शुरू होता है, जो अगस्त से सितंबर महीने में मनाया जाता है। इसे तामिलनाडु और सिंगापुर में भी उत्सव के रूप में मनाया जाता है, लेकिन केरल में यह सबसे बड़ा होता है और लोग इसे विशेष धूमधाम के साथ मनाते हैं।
ओणम के पीछे एक महत्वपूर्ण कथा है, जिसमें देवी महाबली का महत्वपूर्ण भूमिका होती है। महाबली, एक प्रतिष्ठित राजा थे, जो अपने राज्य के लोगों के लिए समर्पित थे। उन्होंने अपने लोगों की सेवा करने के लिए अपने जीवन को अर्पित किया और वे उनके त्योहारों की सर्वश्रेष्ठ तरीके से मनाने के लिए तैयार रहते थे।
कथा के अनुसार, भगवान विष्णु ने महाबली को वमन अवतार में धरती पर आने के लिए आमंत्रित किया। महाबली ने उसे आतिथ्य और मानवता का पालन करने की अनुमति दी, जो उसकी बड़ी भूल थी, क्योंकि वमन अवतार में भगवान विष्णु ने उसका वामन बदल लिया और उन्होंने स्वर्ग की यात्रा पर जाने का आदिकाल कर दिया। इसके बाद, महाबली का पुत्र वामन बदल में बाप को विशेष प्रकार का यज्ञ करने के लिए मानवों के पास ले गया, जिससे उन्होंने स्वर्ग और पृथ्वी का स्वामित्व प्राप्त किया। महाबली को अपने राज्य से बहार निकाल दिया गया, लेकिन उसकी यादें और उसका आदर आज भी केरल के लोगों के दिलों में हैं।
ओणम का मुख्य त्योहार दस दिनों तक मनाया जाता है, जिसमें बहुत सारे रंगीन और आनंदमय आयोजन होते हैं। त्योहार की शुरुआत अत्यंत उत्साह के साथ होती है, जब लोग अपने घरों को सजाते हैं, रंगों से सजाकर और पूजा-पाठ करके देवी महाबली की आराधना करते हैं।
ओणम के पर्व के दिन, लोग अपने घरों के आंगनों में अपनी पारंपरिक पानीपत (Onam Pookalam) बनाते हैं, जो केरल की प्राकृतिक सौन्दर्य का प्रतीक होता है। यह रंगीन फूलों की एक बेहद सुंदर रचना होती है और लोग इसे देवी महाबली का स्वागत करने के लिए बनाते हैं।
त्योहार के इस मौके पर, लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ एक साथ आते हैं और खाने-पीने का आनंद लेते हैं। त्राड़िशनल केरली खाने के आदर्श हैं, जिसमें सादा चावल, सांबर, आप्पम्, पायसम्, और अन्य स्पेशल डिशेस शामिल हैं। लोग एक दूसरे के साथ इस खाने का आनंद लेते हैं और मिलकर उत्सव की खुशियों का स्वाद चखते हैं।
ओणम के इस पावन मौके पर, सांस्कृतिक कला और परंपरा को भी बढ़ावा दिया जाता है। लोग त्राड़िशनल केरली नृत्य और संगीत का आनंद लेते हैं, और विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं। इसके अलावा, त्योहार के दौरान लोग खुद को विभिन्न खेलों में शामिल करते हैं, जैसे कि वल्लंकली (तश की तरह का खेल), काय्याट्टम (मेंढ़ों का खेल), और ओणम सांग्स के साथ मस्ती करते हैं।
ओणम का त्योहार न केवल केरल के लोगों के बीच आत्मा को जोड़ने का एक अद्वितीय मौका प्रदान करता है, बल्कि यह भारतीय सांस्कृतिक धरोहर के रूप में भी महत्वपूर्ण है। इस त्योहार से हम सीखते हैं कि कैसे एक साथ रहकर, परंपराओं को जीवित रखकर, और अपने समृद्धि के साथ साथ अपने सामाजिक और आध्यात्मिक मूल्यों का आदर करते हैं।
ओणम के पर्व का त्योहार हमें यह याद दिलाता है कि हमें अपने पास की सामृद्धि को सही तरीके से मनाना चाहिए और अपने समर्पण के साथ अपने समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का सहारा देना चाहिए। ओणम हमें एक साथ आने और आपसी समर्थन का महत्व सिखाता है और यह हमारे समृद्धि और सफलता के मार्ग को स्वीकार करने में मदद करता है।
इसलिए, ओणम के इस मौके पर, हमें इस त्योहार के महत्व को समझने और इसके मूल उद्देश्यों को याद रखने का अवसर मिलता है। हमें अपने पारिवारिक और सामाजिक जीवन को और भी सार्थक बनाने के लिए इस त्योहार के संदेशों का पालन करना चाहिए।
धन्यवाद!
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